श्री कृष्ण मेरे हैं
श्री कृष्ण मेरे हैं -इस भाव को मदीयता भाव कहते हैं
अर्थात-उनकी सेवा, उनका ध्यान मुझे
रखना है - इसे भक्ति भी कहते हैं
= श्री कृष्ण की अनुकूलता पूर्वक उनकी सेवा।
मैं श्री कृष्ण का हूँ
इस भाव को तदीयता भाव कहते हैं
खुद की जिम्मेदारी भी उन पर डाल देना
हर समय अपने दुखों की बात करना
अपने संकटों को दूर करने वाला एक शक्ति मानना
बस अपने रोने रोते रहना, उनकी सेवा की कोई बात नहीं
JAI SHRI RADHE
DASABHAS Dr GIRIRAJ NANGIA
Lives, Born, Works = L B W at Vrindaban